ताली,घंटी या शंख बजाने से क्या होता है ? क्या है वैज्ञानिक कारण ? Tali, thali, ghanti, shankh bajane ke vegyanik karn
ताली,घंटी और शंख बजाने के फायदे। Tali, ghanti,shankh ki aavaj se kya hoga :-
जैसा कि आपने देखा होगा कि मंदिरों में घंटियां लगी होती है और दिन में 2 या 3 बार घंटियों ओर घडिय़ाल या शंखनाद shankhnad करके आरती भी की जाती है यह परम्परा प्राचीनकाल से ही चली आ रही है सर्वप्रथम ताली, घंटी, शंख बजाने की शुरुआत ऋषियों-मुनियों द्वारा शुरू की गयी थी बाद में इस परंपरा को कई धर्मों ने भी अपनाया है लेकिन क्या अपने कभी ये सोंचा है कि मंदिरों में घंटी, घड़ियाल या शंख क्यो बजाए जाते हैं. मगर आप इसकी धार्मिक आस्था के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी जानते है यदि नही जानते है तो आइये हम आपको बताते है।
मंदिर में घंटी या शंख क्यो बजाए जाते है ? Mandir me tali, ghanti, shankh kyo bajate he.
घंटी, शंखनाद का धार्मिक कारण Religious reason
यह बात तो आप सभी जानते ही है कि मंदिरो में आरती के समय ताली, घंटी, घड़ियाल ओर शंख बजाया जाता है,आप बस इतना ही जानते है कि भगवान की आरती करते है इसलिए बजाते है लेकिन नही यदि धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो यह कहा जाता है कि मंदिर में घंटी बजाने से मनुष्य के जन्मों जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और घंटी बजाने से देवी देवता प्रसन्न होते है।
सीधे शब्दों में ये बात कहें कि जैसे हम किसी के भी घर जाते है तो घर मे जाने से पहले घर के बाहर लगी घंटी या दरवाजा खटखटा कर ही जाते है, वैसे ही मान्यता अनुसार घंटी बजाने से मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं में एक चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनसे प्रार्थना की जाती है।
दूसरा कारण यह माना जाता है कि घंटी में से एक मनमोहक एवं कर्णप्रिय आवाज निकलती है जो मनुष्य के मन-मस्तिष्क को अध्यात्म की ओर ले जाने का सामर्थ्य रखती है आपने देखा होगा कि कोई भी व्यक्ति कितना ही चिंतित क्यो न हो यदि वो उस समय मंदिर जाता है तो वो मंदिर जाकर खुद को शांत अनुभव करने लगता है और यदि वह आरती में शामिल होता है तो उसे आनंद को अनुभूति होती है और मन खुश हो जाता है यानी उसमे एक पॉजिटिव एनर्जी (positive energy) आ जाती है जिससे वह खुद को खुशनुमा महसूस करता है।
यही नही मंदिरों में घंटी की आवाज सुनकर मन में शांति का आभास होता है मन चाहे कितना ही बेचैन हो वह मंदिर में जाकर शांत और खुश हो जाता है क्योंकि मंदिर में आपको पॉजिटिव एनर्जी मिलती है तथा शांति और दैवीय उपस्थिति की अनुभूति होती है।
घंटी बजने का वैज्ञानिक कारण scientific reason
आज हम इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि मंदिर में घंटी लगाए जाने के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण है बल्कि वैज्ञानिकों ने भी इस बात का समर्थन किया है कि जब भी घंटी, घड़ियाल या शंख बजाई जाती है तो वातावरण में एक विशेष प्रकार की आवाज ओर कंपन पैदा होता है जो वातावरण में काफी दूर तक जाता है वैज्ञानिकों ने माना है कि इन घंटियों या शंख की आवाज़ या कंपन से इसके क्षेत्र में आने वाले सभी जीवाणु, विषाणु, सूक्ष्म जीव, बेक्टेरिया आदि नष्ट हो जाते हैं जिससे आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है इस विशेष प्रकार की आवाज से वहाँ की समस्त नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती हैं इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने कहा है कि घंटी, घड़ियाल, बर्तन या शंख एक साथ बजाने से खून का स्त्राव भी बढ़ जाता है ओर शरीर मे एक्टिवनेस एनर्जी का एहसास होता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
अत: यह माना गया है कि जिन स्थानों पर घंटी,घड़ियाल, शंख बजने की आवाज आती रहती है वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध बना रहता है उस क्षेत्र में आने वाले सभी सूक्ष्म जीव, बेक्टेरिया आदि नष्ट हो जाते हैं।
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